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लेखनी कहानी -14-Nov-2022 लिव इन

"लिव इन रिलेशनशिप" की ढाल मिल गई  
"आफताब" को "श्रद्धा" कमाल मिल गई 

समाज के कानून को दोनों धता बताते रहे 
"विवाह" संस्कृति को दकियानूसी बताते रहे 

आधुनिकता का चोला ओढ "लिव इन" में थे 
"धर्म निरपेक्षता" की चादर में "निमग्न" से थे 

जैसा कि अब तक होता आया है, वही हुआ 
"आफताब" के हाथों "श्रद्धा" का कत्ल हुआ 

प्रेम की छुरी से 35 टुकड़े कर कहीं फेंक दिए
"बेपनाह इश्क" के उसने इतने सारे सबूत दिए 

"लव जिहाद" की भेंट फिर सनातनी चढ गई 
"लिव इन रिलेशनशिप" में एक कील गढ गई 

श्री हरि 
14.11.22 


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6 Comments

Ayshu

16-Nov-2022 06:25 AM

Bahut khub

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👍👌😶

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Punam verma

15-Nov-2022 08:48 AM

Nice

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